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कई हिंदू परिवारों ने मुस्लिम शासक औरंगज़ेब के काल सन 1658-1707 के दौरान मुस्लिम धर्म अपना लिया था. क्योंकि उस समय औरंगज़ेब हिंदुओं पर अत्या-चार किया करता था. लोग उसके डर के कारण अपना धर्म परिवर्तन कर लेते थे. लेकिन अब ना औरंगज़ेब रहा और ना उसका डर, इसलिए हिंदू से मुस्लिम बने लोग अब दौबरा अपने धर्म में वापसी कर रहें हैं.
अब हिसार के बिठमड़ा गाँव में करीबन 30 मुस्लिम परिवारों ने हिंदू धर्म अपना लिया हैं. बता दें कि लगभग 350 सालों के बाद उन्होंने अपने पूर्वजों के धर्म में वापसी की हैं. उन्होंने अपने परिवार कि एक महिला का हिंदू धर्म कि रीति-रिवाजों के अनुसार दाह संस्कार किया व हिंदू धर्म में वापसी की हैं. इससे पहले ज़िले ज़िले के कई परिवारों ने भी ऐसा ही किया था.
धर्म परिवर्तन करने वाले सतबीर और मनजीत ने बातचीत ने कहा कि कई वर्षों पहले औरंगज़ेब के डर से व इसके दवाब में आकर उनके पूर्वजों ने मुस्लिम धर्म अपनाया था. लेकिन अब उनके लगभग 30 परिवारों ने हिंदू धर्म में वापसी की हैं. उन्होंने कहा कि अब वो मुस्लिम धर्म के सभी रीति-रिवाजों को त्यागकर हिंदू रीति-रिवाज अपनाएँगे. बता दें कि वीरवार को सतबीर की माता फुली का देहांत हो गया था. जिसके बाद परिवारों ने फैसला किया कि वह उनको दफनाएंगे नहीं बल्कि हिंदु धर्म के रीति-रिवाजों के अनुसार दाह संस्कार करेंगे. जिसके बाद मृतका फुली का शुक्रवार को गांव में दाह संस्कार किया गया.
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