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बार परेड करते दिखेंगे सिर्फ ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर, जानिए क्यों


नई दिल्ली : केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ देश के किसानों का आंदोलन एक महीने से ज्यादा हो चुका है, लेकिन अब तक सरकार और किसानों के बीच कोई सुलह नहीं हो पाई है. ठंड की मार झेलते हुए भी किसान अपने कदम पीछे करने को तैयार नहीं हैं. वहीं अब अन्नदाताओं ने यह साफ किया है कि तीनों कानूनों का वपस नहीं लिया तो गणतंत्र दिवस पर वे ट्रैक्टरों की परेड निकालेंगे. इसके पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर 23 जनवरी को सभी राज्यपालों के आवास पर प्रदर्शन करेंगे.
किसानों के आंदोलन का समन्वय कर रही सात सदस्यीय समिति ने आज दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर किसानों की मांगे नहीं मानी गई तो दिल्ली के चारों ओर लगे मोर्चों से किसान 26 जनवरी को दिल्ली में प्रवेश कर ट्रैक्टर ट्राली और अन्य वाहनों के साथ परेड निकालेंगे. किसान नेताओं ने यह स्पष्ट किया है कि गणतंत्र दिवस के आधिकारिक परेड के बाद यह किसान गणतंत्र परेड निकाला जाएगा.
इस अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने अब से गणतंत्र दिवस तक आंदोलन को तेज और व्यापक बनाने के अनेक कार्यक्रमों की घोषणा की. इस आंदोलन को पूरे देश में गति देने के लिए 6 जनवरी से 20 जनवरी तक सरकारी झूठ और दुष्प्रचार का भंडाफोड़ करने के लिए “देश जागृति पखवाड़ा” मनाया जाएगा. इस पखवाड़े में देश के हर जिले में धरने और पक्के मोर्चे आयोजित किए जाएंगे. किसानों में और बाकि जनता में जागृति लाने के लिए अनेक स्थानों पर रैलियां और सम्मेलन आयोजित होंगे.
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