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हरियाणा की वित्तीय स्थिति को पटरी पर लाने के लिए सरकार के सामने फिलहाल कर्ज लेने का ही विकल्प है। सरकार को विभिन्न कर से 6200 करोड़ रुपये आने की उम्मीद थी, जिसमें से अब मात्र 1600 करोड़ रुपये आने का अनुमान है। इसलिए सरकार को व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए 4600 करोड़ का प्रबंध करना पड़ेगा
मुख्यमंत्री ने कहा की हमने कुछ दिन पहले हरियाणा में स्वास्थ कर्मियों की तनख्याह डबल की थी जिसके लिए 10 करोड़ रूपये का खर्च आयेगा। उन्होंने कहा लोकडाउन की वजह से प्रदेश सरकार की आय में भारी गिरावट आई हैं। उन्होंने अलग अलग विभागों के आकडे बताये हैं साथ ही बताया हैं की पहले कितनी कमाई होती थी और अब कितनी अनुमानित कमाई अब होनी सम्भावित है। हरियाणा में GST से 2500 करोड़ की कमाई होनी थी अब 1000 करोड़ की अनुमानित कमाई होगीस्टाम्प ड्यूटी से 600 करोड़ की कमाई होनी थी अब कोई कमाई नही हो रही. एक्साइज ड्यूटी से 1000 करोड़ रूपये की कमाई होनी थी अब अनुमानित 100 करोड़ होगी अन्य टैक्स से 6200 करोड़ की कमाई होनी थी अब अनुमानित 1600 करोड़ कमाई होगी
मुख्यमंत्री ने कहा की प्रदेश में 1850 करोड़ रूपये का खर्चा वेतन में, पेंशन 750 करोड़ और अन्य पेंशन के लिए 650 करोड़ , 1700 करोड़ पहले से लिए गये कर्ज के लिए राशि , ब्याज और प्रदेश में अन्य सभी खर्चो के लिए 6200 करोड़ रूपये की जरूरत हैं। इसके लिए कर्ज लेना पड़ेगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने साफ़ किया हैं प्रदेश सरकार के पास इतना बजट नही हैं या तो केंद्र सरकार बजट दे या फिर हमे कर्ज लेना पड़ेगा।
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